Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Dimensions |
182mmX122mmX3mm |
Edition |
2014 |
Language |
Hindi |
PageLength |
48 |
Preface |
जन्मदिन के प्रति सभी के मन में सहज उल्लास उभरता है ।। वह अपना हो या अपनों का ।। इसे काफी संख्या में लोग मनाते भी हैं, किन्तु वह केवल एक उल्लासवर्धक समारोह भर होता है ।। यदि जन्मदिन को समारोह के ऊपर संस्कार के रूप में मनाया जाय तो वह जीवन को लौकिक एवं पारलौकिक सफलताओं से भर देने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम बन सकता है ।।
युग निर्माण अभियान के प्रणेता, युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य ने इसे असाधारण महत्व देते हुए इसे आवश्यक संस्कारों में स्थान दिया है ।। अन्य संस्कार तो जीवन में एकबार ही आते हैं परन्तु जन्मदिन तो हर वर्ष आता है ।। यह संस्कार मनुष्य को प्रतिवर्ष व्यक्तित्व की बुलन्दियों की ओर अग्रसर करता रहता है ।।
ज्ञान विज्ञान की धाराओं के विद्वानों के बीच अन्य बातों पर मतभेद हो सकते हैं, किंतु इस तथ्य पर सभी एकमत हैं कि उस प्रत्यक्ष जगत् में मनुष्य से श्रेष्ठ और कोई कृति नहीं है ।। इस तथ्य को स्वीकार करते हुए भी एक और तथ्य को जबरन मान लेना पड़ता है कि अधिकांश मनुष्य अपनी श्रेष्ठता का सही सदुपयोग तो कर ही नहीं पाते, उलटे अपने लिए तमाम दुःख और दुर्गति के सरंजाम जुटा लेते हैं ।।
उक्त दुखद विसंगति के कारणों की समीक्षा करने पर यही वास्तविकता सामने आती है कि मनुष्य अपने जीवन की गरिमा को समझने उसे जाग्रत् और प्रयुक्त करने के क्रम को उचित महत्त्व नहीं दे पाता । यदि वह उसे महत्त्व दे पाये तो संत तुलसीदास के शब्दों में यह साधन धाम और मोक्ष का द्वार सिद्ध हो सकता है ।
जीवन के इस महत्त्वपूर्ण पहलू को विकसित करने कराने में जन्मदिन एक बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । युग निर्माण अभियान के अन्तर्गत यह पुस्तिका इसीलिए छापी जा रही है कि लोग जीवन की गरिमा को समझते हुए जीवन की ऊँचाइयों की ओर निरन्तर प्रगति करते रह सकें ।
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Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
1 आत्मा की पुकार -
2 पुकार सुनें और उसे सार्थक करें-
3 समझें और अपनायें -
4 प्रारम्भिक ध्यान -
5 उच्चस्तरीय ध्यान -
6आत्मचिन्तन -
7 तत्त्वबोध साधना -
8 जीवन लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें -
9 पूर्व व्यावस्था -
10 प्राणायाम: -
11 चन्दन धारणम् -
12 संकल्प सूत्र धारणम् -
13 कलशपूजनम् -
14 गुरूवन्दना -
15 देव नमस्कार: -
16 पंचोपचारपूजनम् -
17 पंचतत्त्वपूजनम् -
18 दीपपूजनम् -
19 ज्योतिपूजनम् -
20 व्रतधारणम् -
21 अग्निस्थापनम् -
22 गायत्रीस्तवनम् -
23 नीराजनम्-आरती -
24 गायत्री जी की आरती -
25 जय घोष -
26 तुम्हें जन्म दिन की बधाई -
27 एक तुम्हीं आधार सद्गुरु -
28 हमने आँगन नहीं बुहारा -
29 हर दिनों से ये दिन कितना -
30 जन्म दिन पर सभी हम -
31 इस कुल का ये दीपक - |