Author |
Dr. Asha Sarsij |
Publisher |
yug nirman yojana Press, Mathura |
Size |
small |
TOC |
Bal nirman Kahaniya Set :- Total 16 books |
Descriptoin |
बच्चों के मन में अध्यात्म एवं जीवन कला के विभिन्न सूत्र कथाओं के माध्यम से सरलता से स्थापित किये जा सकते हैं। इसी अवधि में मस्तिष्क का सर्वाधिक विकास होता है। भला-बुरा जो भी प्रभाव होता है, वे ग्रहण करते व तदनुसार अपना व्यक्तित्व विनिर्मित करते हैं। यह अभिभावकों व परिवार के संपर्क में आने वाले माध्यमों पर निर्भर है कि बालक-मन को वह किस प्रकार गढ़ते हैं। बाल निर्माण की कहानियों के भाग पिछले दिनों युग निर्माण योजना द्वारा प्रकाशित किए गए। प्रसन्नता की बात है कि विदेशी अथवा फूहड़ कॉमिक्स के सामने ये कहानियाँ सुरुचि, श्रेष्ठ ठहरी एवं परिजनों ने इन कथा पुस्तकों की भूरि-भूरि सराहना की। इनके कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। सोचा यह गया कि बालकों के लिए तो साहित्य लिखा गया और पसंद भी किया गया। उठती वय के किशोरों के लिए ऐसे साहित्य का सृजन अभी नहीं हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक माला इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है। इसमें मूलतः किशोरों की दृष्टि में रखते हुए कथा साहित्य रचा गया है। लेखिका ने बाल मनोविज्ञान का बड़ी गहराई से अध्ययन किया है, वही अध्ययन अनुभव इन कथानकों के रूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हैं। |
Descriptoin |
बच्चों के मन में अध्यात्म एवं जीवन कला के विभिन्न सूत्र कथाओं के माध्यम से सरलता से स्थापित किये जा सकते हैं। इसी अवधि में मस्तिष्क का सर्वाधिक विकास होता है। भला-बुरा जो भी प्रभाव होता है, वे ग्रहण करते व तदनुसार अपना व्यक्तित्व विनिर्मित करते हैं। यह अभिभावकों व परिवार के संपर्क में आने वाले माध्यमों पर निर्भर है कि बालक-मन को वह किस प्रकार गढ़ते हैं। बाल निर्माण की कहानियों के भाग पिछले दिनों युग निर्माण योजना द्वारा प्रकाशित किए गए। प्रसन्नता की बात है कि विदेशी अथवा फूहड़ कॉमिक्स के सामने ये कहानियाँ सुरुचि, श्रेष्ठ ठहरी एवं परिजनों ने इन कथा पुस्तकों की भूरि-भूरि सराहना की। इनके कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। सोचा यह गया कि बालकों के लिए तो साहित्य लिखा गया और पसंद भी किया गया। उठती वय के किशोरों के लिए ऐसे साहित्य का सृजन अभी नहीं हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक माला इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है। इसमें मूलतः किशोरों की दृष्टि में रखते हुए कथा साहित्य रचा गया है। लेखिका ने बाल मनोविज्ञान का बड़ी गहराई से अध्ययन किया है, वही अध्ययन अनुभव इन कथानकों के रूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हैं। |
Dimensions |
121X181X3 mm |
Edition |
2013 |
Language |
Hindi |
PageLength |
64 |
Preface |
बच्चों के मन में अध्यात्म एवं जीवन कला के विभिन्न सूत्र कथाओं के माध्यम से सरलता से स्थापित किये जा सकते हैं। इसी अवधि में मस्तिष्क का सर्वाधिक विकास होता है। भला-बुरा जो भी प्रभाव होता है, वे ग्रहण करते व तदनुसार अपना व्यक्तित्व विनिर्मित करते हैं। यह अभिभावकों व परिवार के संपर्क में आने वाले माध्यमों पर निर्भर है कि बालक-मन को वह किस प्रकार गढ़ते हैं। बाल निर्माण की कहानियों के भाग पिछले दिनों युग निर्माण योजना द्वारा प्रकाशित किए गए। प्रसन्नता की बात है कि विदेशी अथवा फूहड़ कॉमिक्स के सामने ये कहानियाँ सुरुचि, श्रेष्ठ ठहरी एवं परिजनों ने इन कथा पुस्तकों की भूरि-भूरि सराहना की। इनके कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। सोचा यह गया कि बालकों के लिए तो साहित्य लिखा गया और पसंद भी किया गया। उठती वय के किशोरों के लिए ऐसे साहित्य का सृजन अभी नहीं हुआ है। प्रस्तुत पुस्तक माला इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है। इसमें मूलतः किशोरों की दृष्टि में रखते हुए कथा साहित्य रचा गया है। लेखिका ने बाल मनोविज्ञान का बड़ी गहराई से अध्ययन किया है, वही अध्ययन अनुभव इन कथानकों के रूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हैं।
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Publication |
yug nirman yojana vistar trust |
TOC |
1. जातीय गौरव
2. शक्ति की पहिचान
3. होनहार बालक
4. कुबड़ी बुआ
5. मोटा गुल्लू
6. व्यक्तित्व की परख
7. बीमारियों की जड़
8. समाज के शत्रु
9. चींटी और मधुमक्खी
10. यात्रा
11. स्वर्ग का सुख
12. भाइयों का स्नेह
13. सफल और लोकप्रिय शासक
14. संकल्प
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