Descriptoin |
Include following books in this set<br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=93">मांसाहार कितना उपयोगी, मनोशारीरिक एवं वैज्ञानिक विश्लेषण</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=134">श्वास-प्रश्वास-विज्ञान </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=140">रोग - औषधि आहार- विहार एवं उपवास</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=131">दीर्घ जीवन की प्राप्ति </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=89">निरोगी जीवन का राजमार्ग </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=139">स्वस्थ रहने के सरल उपाय</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=138">खाते समय इन बातों का ध्यान रखें </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=132">स्वस्थ और सुंदर बनने की विद्या </a> |
Dimensions |
12mmX181mmX2mm |
Edition |
2015 |
Language |
Hindi |
PageLength |
32 |
Preface |
श्वास सही तरीके से लीजिए
हमारा शरीर पंचतत्त्वों से मिलकर बना है ।। साधारण दृष्टि से देखने पर मिट्टी, जल, वायु आदि तत्त्व सर्वथा जड़ पदार्थ प्रतीत होते हैं, पर इन्हीं के विधिपूर्वक मिला दिए जाने से मानव देह जैसे अद्भुत क्रियाशील और क्षमतायुक्त यंत्र का निर्माण हो जाता है ।। सामान्य रीति से देखने पर हमें लाखों मन मिट्टी के ढेर चारों तरफ पड़े दिखलाई देते हैं, जल की अनंत राशि भी कुएँ तालाब, नदी, समुद्र आदि में भरी हुई है ।। वायु रात- दिन हमारे इर्द- गिर्द छोटे से छोटे स्थान में भी व्याप्त रहती ही है ।। बाह्य रूप में हमको इनमें कोई ऐसी विशेषता या शक्ति नहीं दिखलाई पड़ती कि जिससे यह अनुमान किया जा सके कि हमारा यह महान शक्तियों से संपन्न अस्थि, मांस, रक्त, नाडियाँं, स्नायु पाचनसंस्थान, श्वास यंत्र, मस्तिष्क आदि से युक्त शरीर इन तुच्छ- सा मालूम देने वाले पदार्थों के संयोग से निर्मित हुआ होगा ।। पर वास्तविकता यही है कि मानव शरीर ही नहीं, हाथी जैसे विशाल प्राणी से लेकर चींटी तक की देह की रचना पंचतत्त्वों के संयोग से ही हुई है और जब तक वह जीवित रहते हैं तब तक इन्हीं तत्त्वों से पोषण और शक्ति प्राप्त होती रहती है ।।
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Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
1. श्वास सही तरीके से लीजिये
2. प्राणशक्ति की प्राप्ति
3. प्राणायाम की सबसे सरल विधि
4. श्वास-व्यायाम के अन्य प्रयोग
5. प्राणाकर्षण के अभ्यास
6. नाडी़ शोधन का अभ्यास
7. प्राणायाम से आध्यात्मिक उन्नति
8. प्राण का स्वरूप और उसका स्थान
9. श्वास-व्यायाम का आध्यात्मिक प्रभाव
10. श्वास-प्रणाली के सुधार से होने वाले विविध लाभ
11. श्वास-व्यायाम के दो अभ्यास
12. श्वास-व्यायाम के प्रचार की आवश्यकता
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Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |