Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Descriptoin |
Include following books in this set<br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=93">मांसाहार कितना उपयोगी, मनोशारीरिक एवं वैज्ञानिक विश्लेषण</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=134">श्वास-प्रश्वास-विज्ञान </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=140">रोग - औषधि आहार- विहार एवं उपवास</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=131">दीर्घ जीवन की प्राप्ति </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=89">निरोगी जीवन का राजमार्ग </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=139">स्वस्थ रहने के सरल उपाय</a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=138">खाते समय इन बातों का ध्यान रखें </a><br>
* <a href="http://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=132">स्वस्थ और सुंदर बनने की विद्या </a> |
Dimensions |
9mmX12mmX2mm |
Edition |
2014 |
Language |
Hindi |
PageLength |
32 |
Preface |
प्रगति करें, समृद्धि प्राप्त करें किंतु मानसिक शांति, प्रसन्नता एवं प्रफुल्लता गँवाकर, इसे कैसे बुद्धिमत्ता प्रगतिशीलता कहा जाएगा? साधनों को अत्यधिक महत्त्व देकर साध्य को भुला दिया जाए यह दृष्टिकोण विवेकयुक्त नहीं कहा जा सकता । मन की सुख- शांति प्रगति का वास्तविक लक्ष्य है । यह न पूरा हुआ तो समृद्धि का प्रयोजन क्या रहा? निस्संदेह इसे एक दिशाविहीन अंधी दौड़ कहना ही अधिक उपयुक्त होगा ।
इन दिनों वैज्ञानिक एवं आर्थिक क्षेत्रों की प्रगति पर सभी का ध्यान है और उनमें उत्साहवर्द्धक प्रगति भी हो रही है । सभ्यता की भी बहुत चर्चा है । जीवन स्तर बढ़ रहा है । इस बढ़ोत्तरी का तात्पर्य है अधिक सज- धज और सुख- सुविधा के साधनों का विस्तार । विलासी साधनों के नए- नए उपकरण बनते और बढ़ते जा रहे हैं ।
इस प्रगतिशीलता के साथ जुड़ा हुआ एक दु:खदायी पक्ष भी है, जिसे आधि-व्याधियों की अभिवृद्धि कहा जा सकता है। लोग शारीरिक दृष्टि से अस्वस्थ और मानसिक दृष्टि से असंतुलित होते चले जा रहे है और इस दिशा मे प्रगति उन सब क्षेत्रों की तुलना मे कहीं अधिक द्रुतगति से हो रही है, जिन्है अपने समय की सफलताएँ कहकर गर्व किया जाता है। |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
small |