Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |
Edition |
2013 |
Language |
Hindi |
PageLength |
112 |
Preface |
युग निर्माण जिसे लेकर गायत्री परिवार अपनी निष्ठा और तत्परतापूर्वक अग्रसर हो रहा है, उसका बीज सत्संकल्प है । उसी आधार पर हमारी सारी विचारणा, योजना, गतिविधियाँ एवं कार्यक्रम संचालित होते हैं, इसे अपना घोषणा-पत्र भी कहा जा सकता है । हम में से प्रत्येक को एक दैनिक धार्मिक कृत्य की तरह इसे नित्य प्रातःकाल पढ़ना चाहिए और सामूहिक शुभ अवसरों पर एक व्यक्ति उच्चारण करे और शेष लोगों को उसे दुहराने की शैली से पढा़ एवं दुहराया जाना चाहिए ।
संकल्प की शक्ति अपार है । यह विशाल ब्रह्मांड परमात्मा के एक छोटे संकल्प का ही प्रतिफल है । परमात्मा में इच्छा उठी एकोऽहं बहुस्याम मैं अकेला हूँ-बहुत हो जाऊँ, उस संकल्प के फलस्वरूप तीन गुण, पंचतत्त्व उपजे और सारा संसार बनकर तैयार हो गया । मनुष्य के संकल्प द्वारा इस ऊबड़- खाबड़ दुनियाँ को ऐसा सुव्यवस्थित रूप मिला है । यदि ऐसी आकांक्षा न जगी होती, आवश्यकता अनुभव न होती तो कदाचित् मानव प्राणी भी अन्य वन्य पशुओं की भाँति अपनी मौत के दिन पूरे कर रहा होता ।
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Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Size |
normal |
TOC |
1. युग निर्माण मिशन का घोषणा-पत्र
2. हम ईश्वर को सर्वव्यापी, न्यायकारी मानकर
3. शरीर को भगवान् का मंदिर समझकर
4. मन को कुविचारों और दुर्भावनाओं से
5. इंद्रिय संयम, अर्थ संयम, समय संयम
6. अपने आपको समाज का एक अभिन्न अंग
7. मर्यादाओं को पालेंगे, वर्जनाओं से बचेंगे
8. समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी और
9. चारों और मधुरता, स्वच्छता, सादगी
10. अनीति से प्राप्त सफलता की अपेक्षा
11. मनुष्य के मूल्यांकन की कसौटी
12. दूसरों के साथ वह व्यवहार नहीं करेंगे
13. नर-नारी परस्पर पवित्र दृष्टि रखेंगे
14. संसार में सत्प्रवृत्तियों के पुण्य प्रसार
15. परंपराओं की तुलना में विवेक को महत्त्व देंगे
16. सज्जनों को संगठित करने, अनीति से लोहा
17. राष्ट्रीय एकता एवं समता के प्रति
18. मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता आप है
19. हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे
20. अपना मूल्यांकन भी करते रहें
21. तो फिर हमें क्या करना चाहिए
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