RUGNA SAMAJ AUR USKA KAYAKALP
Price: ₹ 33/-



Product Detail

Author Pt. Shriram Sharma Aacharya
Dimensions 12 cm x 18 cm
Edition 2010
Language Hindi
PageLength 176
Preface हिंदू समाज आज पतनावस्था से ग्रस्त है ।। जिस जाति के पास वेद, उपनिषद्, गीता का लोकोत्तर ज्ञान- भंडार मौजूद है और जिसका मार्ग- दर्शन गत शताब्दी में भी राममोहन राय, दयानंद, विवेकानंद और वर्तमान शताब्दी में गाँधी और तिलक जैसे महामानवों ने किया है, वह जाति अभी तक कुरीतियों, अंधविश्वासों तथा भ्रष्टाचार के इतने गहरे गर्त में पड़ी रहे, यह वास्तव में एक बड़ी शोचनीय और आश्चर्य की बात है ।। जबकि हम देख रहे हैं कि जात- पात की प्रथा और वैवाहिक कुरीतियाँ हमारी जड़ को खोखली किये देती हैं; पंडे- पुजारियों का धर्म के नाम पर झूठा ढोंग हमारी सर्वोच्च आध्यात्मिक संस्कृति को बदनाम कर रहा है; भिक्षुक- समाज धर्म के नाम- असंख्य धन- संपदा को बर्बाद करते हुए सर्वसाधारण में तरह- तरह के दोषों की वृद्धि कर रहा है और इतने पर भी हमारी आँंखें नहीं खुलती, तो यही कहना पड़ेगा कि हमारा सामाजिक- रोग बहुत गहरा पहुँचा है और यह कोरे उपदेशों से दूर नहीं हो सकेगा ।। इसीलिए प्रत्येक विवेकशील समाज हितैषी व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह इस संबंध में सावधान और संबद्ध होकर, इन दोषों के निराकरण के लिए तैयार हो ।। इस पुस्तक में पाठकों को उपर्युक्त दोषों के संबंध में ऐसी जानकारी की बातें मिलेंगी, जिनसे उन्हें स्वयं परिस्थिति की गंभीरता का अनुभव होगा और वे दूसरों को भी समझा सकने में समर्थ होंगे ।। इस प्रकार जब बहुसख्यक समाज हितैषी व्यक्ति इस कार्य का भार अपने कंधों पर उठायेंगे और क्रियात्मक रूप में इन दोषों को मिटाने का प्रयत्न करेंगे, तभी उनका निराकरण संभव होगा ।।
Publication Yug nirman yojana press
Publisher Yug Nirman Yojana Vistara Trust
Size normal
TOC 1. व्यक्ति को ही नहीं, समाज को भी सुधारा जाए 2. आध्यात्मिकता और आस्तिकता की महान् शक्ति 3. आलस्य और गंदगी मनुष्य के बड़े शत्रु हैं 4. हिंदू समाज की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा-ऊँच-नीच की भावना 5. नारी तिरस्कार समाज पर कुठाराघात है 6. अंधविश्वास समाज का घोर पतन कर रहा है 7. धर्म के नाम पर ठगी का व्यापार बंद किया जाए 8. नागरिकता के नियमों का पालन सभ्यता का चिन्ह है 9. अपव्यय हमारी मूर्खता का परिचायक है 10. नशेबाजी एक भयंकर खतरा है 11. अश्लीलता से जातीय चरित्र की अवनति 12. इस युग के दो बड़े अभिशाप-मिलावट और भ्रष्टाचार 13. मांसाहार और हिंसा के कुपरिणाम 14. पशु-बलि धर्म पर कलंक है 15. दान का दुरुपयोग और भिक्षाजीवियों की समस्या 16. मृतक-भोज की हानिकारक परंपरा 17. वैवाहिक कुरीतियों से समाज को बचाइए 18. विवाह प्रथा को समयानुकूल बनाया जाए 19. बाल-विवाह का भयंकर राक्षस 20. समाज को शक्तिशाली बनाने वाली-शुद्धि-प्रथा 21. हरिजनों का तिरस्कार-न्याय और विवेक का अपमान है 22. समाज को खोखला होने से बचाया जाए



Related Products

ADHYATM KYA THA KYA HO GAYA ?

Price: ₹ 15/-

ADRASYA JAGAT KA PARYAVEKSHAN

Price: ₹ 16/-

BHARTIYA SANSKRITI JIVAN DARSHAN

Price: ₹ 33/-

CHHAPAN BHOG

Price: ₹ 40/-

DAVI SHAKTI KE ANUDAN VARDAN

Price: ₹ 15/-

DEV SANSKRITI KA MERUDAND VANPRASTH

Price: ₹ 9/-

DHARM KE 10 LAKSHAN PANCH SHEEL

Price: ₹ 12/-

DHARM TANTRA KI GARIMA AUR KSHAMTA

Price: ₹ 12/-

GAYATRI MAHAVIGYAN -3

Price: ₹ 65/-

GYAN KI MANOVAIGYANIK EVAM SAMAJ SASHTRIYA PADDHATI

Price: ₹ 10/-

ISHWAR SE SAZHEDARI NAFE KA SAUDA

Price: ₹ 12/-

KUCHH DHARMIK PRASHNO KE UCHIT SAMADHAN

Price: ₹ 10/-

KYA DHARM? KYA ADHARM?

Price: ₹ 15/-

MAHILAO KI GAYATRI UPASANA

Price: ₹ 9/-

MANDIR JAN JAGRAN KE KENDRA BANE

Price: ₹ 7/-

PRABUDDHA VARG DHARMTANTRA SAMBHALE

Price: ₹ 6/-

SAMSTA VISHWA KE AJASRA ANUDAN

Price: ₹ 90/-

TEERTH YATRA KYA, KYON, KAISE?

Price: ₹ 5/-

UDHREDATMANA UTMANAM

Price: ₹ 6/-

VIVEK KI KASAUTI

Price: ₹ 5/-

YUG NIRAMAN ISLAMI DRISTIKON

Price: ₹ 6/-