Author |
Brahmavarchasva |
Dimensions |
14 cm x 21 cm |
Edition |
2015 |
Language |
Hindi |
PageLength |
32 |
Preface |
युगऋषि ने अपने चौथे हिमालय प्रवास से लौटकर युगतीर्थ शांतिकुञ्ज में प्राण प्रत्यावर्तन साधना के सत्र चलाये थे ।। अन्त: ऊर्जा जागरण साधना सत्रों की साधनाएँ प्राण प्रत्यावर्तन सत्रों की साधनाओं के आधार पर ही निश्चित की गई हैं ।। सत्र में भाग लेने वालों को स्वीकृति के साथ उन साधनाओं के विधि- विधान की मार्गदर्शिका भेज दी जाती है ।। वह मार्गदर्शिका ऐसे साधकों को लक्ष्य करके तैयार को गई है जो साधना में सहयोगी आसन- प्राणायाम आदि के बारे में समझते हैं ।।
सत्रों की समीक्षा से यह पता चला कि बहुत से साधक उन आधारभूत साधनाओं के बारे में प्रामाणिक जानकारी नहीं रखते ।। इससे उन्हें साधनाओं का समुचित लाम उठाने में कठिनाई होती है ।। यह पुस्तिका ऐसे ही साधकों को लक्ष्य करके सहायक मार्गदर्शका के रूप में तैयार की गई है ।। वैसे रोग साधना के सभी साधकों के लिए यह पुस्तिका उपयोगी सिद्ध होगी ।।
इसमें महर्षि पतजलिकृत अष्टांगयोग के संक्षिप्त विवरण के साथ सामान्य साधना में सहयोगी आसन, प्राणायाम, बन्ध, मुद्रा आदि के अतिरिक्त युगऋषि द्वारा निर्देशित पंचकोशीय ध्यान धारणा का भी संक्षिप्त विवेचन दे दिया गया है ।। साधना में कायागत पंचतत्वों के सन्तुलन के लिए प्रयुक्त को जाने वाली उँगलियों और हथेलियों के माध्यम से बनाई जाने वाली उपयोगी मुद्राओँ को भी सचित्र है दिया गया है ।। इनके प्रयोग से साधकों को स्वस्थ शरीर और स्वच्छ मन के विकास में पर्याप्त निदान मिलता है ।।
आशा की जाती है कि शान्तिकुञ्ज में चलाये जाने वाले अन्त: ऊर्जा सत्रों के साथ शक्तिपीठों पर चलाये जाने वाले सामान्य साधना सत्रों के साधकों को इस पुस्तिका से अच्छा सहयोग तो मिलेगा ही साधना के प्रति रुचि रखने वाले अन्य साधक भी इससे पर्याप्त साथ उठा सकेंगे ।।
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Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Size |
normal |
TOC |
1. राजयोग
2. आसन
3. प्राणायाम
4. प्राणायाम सम्बन्धी सामान्य जानकारी-
5. तीन बन्ध
6. मुद्राविज्ञान
7. रोगानुसार मुद्राए
8. रोगानुसार- आसन, प्राणायाम, बन्ध, आहार
9. पञ्चकोशी ध्यान धारणा
10. आत्मचिन्तन के बिन्द
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