BACHO KA NIRMAN PARIWAR KI PRAYOG..
Price: ₹ 12/-



Product Detail

Author pt. shriram sharma acharya
Dimensions 120X182X1 mm
Edition 2015
Language Hindi
PageLength 40
Preface बच्चों का निर्माण- परिवार को प्रयोगशाला में चरित्रवान माता- पिता ही सुसंस्कृत संतान बनाते हैं अंग्रेजी में कहावत है- दि चाइल्ड इज ऐज ओल्ड ऐज हिज एनसेस्टर्स ।। अर्थात् बच्चा उतना पुराना होता है जितना उसके पूर्वज ।। एक बार संत ईसा के पास आई एक स्त्री ने प्रश्न किया- बच्चे की शिक्षा- दीक्षा कब से प्रारंभ की जानी चाहिए ? ईसा ने उत्तर दिया- गर्भ में आने के १ ० ० वर्ष पहले से ।। स्त्री भौंचक्की रह गई, पर सत्य वही है जिसकी ओर संत ने इंगित किया ।। सौ वर्ष पूर्व जिस बच्चे का अस्तित्व नहीं होता, उसकी जड़ तो निश्चित ही होती है, चाहे वह उसके बाबा हों या परबाबा ।। उनकी मन : स्थिति, उनके आचार, उनकी संस्कृति पिता पर आई और माता- पिता के विचार, उनके रहन- सहन, आहार- विहार से ही बच्चे का निर्माण होता है ।। कल जिस बच्चे को जन्म लेना है, उसकी भूमिका हम अपने में लिखा करते हैं ।। यदि यह प्रस्तावना ही उत्कृष्ट न हुई तो बच्चा कैसे श्रेष्ठ बनेगा ? भगवान राम जैसे महापुरुष का जन्म रघु, अज और दिलीप आदि पितामहों के तप की परिणति थी, तो योगेश्वर कृष्णा का जन्म देवकी और वसुदेव के कई जन्मों की तपश्चर्या का पुण्य फल था ।। अठारह पुराणों के रचयिता व्यास का आविर्भाव तब हुआ था, जब उनकी पाँच पितामह पीढ़ियों ने छोर तप किया था ।। हमारे बच्चे श्रेष्ठ, सद्गुणी बने, इसके लिए मातृत्व और पितृत्व को गंभीर अर्थ में लिए बिना जाम नहीं चलेगा ।। महाभारत के समय की घटना है ।। द्रोणाचार्य ने पांडवों के वध के लिए चक्रव्यूह की रचना को ।। उस दिन चक्रव्यूह का रहस्य जानने वाले एकमात्र अर्जुन को कौरव बहुत दूर तक भटका ले गए ।। इधर पांडवों के पास चक्रव्यूह भेदन का आमंत्रण भेज दिया ।।
Publication yug nirman yojana press
Publisher Yug Nirman Yojana Vistara Trust
Size normal
TOC • बच्चों का निर्माण परिवार की प्रयोगशाला में • बालकों का सांस्कृतिक उत्थान • भावी पीढ़ी का निर्माण यों कीजिए • बच्चों का नैतिक विकास • बच्चों का निर्माण वाणी से नहीं, आचरण से किया जाए • पहले अभिभावकों को ही शालीनता का पाठ पढ़ना होगा • बच्चों के सद्गुण जगाए और बढ़ाए जाएँ • बच्चों का निर्माण-आवश्यक सावधानियाँ • बालकों के निर्माण मे अभिभावकों के उत्तरदायित्व • अभिभावक अपना कर्त्तव्य समझें और निबाहें • उत्तराधिकार में बालकों को पाँच रत्न दीजिए



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