Author |
pt. shri ram sharma acharya |
Dimensions |
121X181X3 mm |
Edition |
2013 |
Language |
Hindi |
PageLength |
32 |
Preface |
गुरु नानक के संबंध में एक बहुत मशहूर किस्सा यह है कि जब वे हरिद्वार में हरि की पौड़ी पर स्नान करने गये तो उन्होंने देखा कि अनेक व्यक्ति पूर्व की तरफ मुँह करके सूर्य को जल चढ़ा रहे हैं ।। यह देखकर नानक जी ने अपना मुँह पश्चिम की तरफ कर लिया और उसी तरफ लोटा में जल भरकर डालने लगे ।। लोगों ने समझा कि यह साधु दिशा का ज्ञान न होने से उल्टी तरफ जल दे रहा है, इसलिए कहने लगे- साधु बाबा ! पूर्व तो इधर है, आप पश्चिम में जल क्यों दे रहे हैं? नानक जी ने पूछा- आप लोग पूर्व में जल क्यों देते हैं ? किसी ने बतलाया कि हम तो सूर्य भगवान् तथा अपने पितरों को जल दे रहे हैं ।। नानक बोले- मेरा गाँव पश्चिम की तरफ है और वही पर मेरे खेत हैं ।। इसलिए मैं इसी तरफ मुँह करके अपने खेती में जल दे रहा हूँ । लोग उनकी नासमझी पर हँसने लगे कि वाह! इतनी दूर से आप अपने खेतों को सींचना चाहते हैं! नानक बोले- भाइयों अगर आप का दिया हुआ जल आकाश में करोड़ों मील दूर स्थित सूर्य और पितृ- लोक तक जा सकता है तो मैं आशा करता हूँ कि मेरा दिया हुआ जल भी खेतों में पहुँच जायेगा ।। क्योंकि वे तो यहाँ से दो सौ कोस से भी कम हैं ।। सूर्य को जल देने वाली को अपनी गलती कुछ अनुभव तो हुई, पर परपरा को इतने सहज में कौन तोड़ सकता है ?
दूसरी घटना लोग यह बतलाते हैं कि जब गुरु नानक पश्चिमी देशों सैर करते- करते मक्का जा पहुँचे तो रात के समय एक मसजिद में सो गये ।। जानकर या अनजान मे उनके पैर उस दिशा में हो गये जिधर मुस्लमानों का पवित्र काबा था ।। यह देखकर किसी मुल्ला ने उनको डाँटकर कहा- तू तो बड़ा काफिर जान पड़ता है, जो खुदा की तरफ पैर करके सो रहा है ।। |
Publication |
Akhand Jyoti Santahan, Mathura |
Publisher |
yug nirman Press, Mathura |
Size |
small |
TOC |
1. गुरु नानक देव
2. नीच और दलितों को अपनाने वाले - गुरु नानक
3. जन्म और बाल्यकाल
4. गुरु नानक का सच्चा दृष्टिकोण
5. गुरु नानक का भारत-भ्रमण
6. गुरुनानक की देशभक्ति और राजनीतिज्ञता
7. गुरु नानक की दार्शनिक विचारधारा
8. गुरुनानक का व्यवहारिक अध्यात्मवाद
9. सर्वभूत हितेरिता
10. मैं संतो की जाति का हूँ
11. एक महान समाज सुधारक
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