GAYATRI KI GUPTA SHAKTIYA
Price: ₹ 6/-



Product Detail

Author pt Shriram sharma acharya
Descriptoin 1 उपासना के दो चरण जप और ध्यान 2 गायत्री कामधेनु है 3 गायत्री साधना क्यो ? और कैसे ? 4 गायत्री की गुप्त शक्तियाँ 5 गायत्री की शक्ति और सिद्धि 6 आद्य शक्ति गायत्री की समर्थ साधना 7 गायत्री चालीसा 8 गायत्री से संकट निवारण 9 गायत्री की प्रचंड प्राण ऊर्जा
Dimensions 12 cm x 18 cm
Edition 2014
Language Hindi
PageLength 32
Preface गायत्री सनातन एवं अनादि मंत्र है। पुराणों में कहा गया है कि ‘‘सृष्टिकर्त्ता ब्रह्मा को आकाशवाणी द्वारा गायत्री मंत्र प्राप्त हुआ था, इसी गायत्री की साधना करके उन्हें सृष्टि निर्माण की शक्ति प्राप्त हुई। गायत्री के चार चरणों की व्याख्या स्वरूप ही ब्रह्माजी ने चार मुखों से चार वेदों का वर्णन किया। गायत्री को वेदमाता कहते हैं। चारों वेद, गायत्री की व्याख्या मात्र हैं।’’ गायत्री को जानने वाला वेदों को जानने का लाभ प्राप्त करता है। गायत्री के 24 अक्षर 24 अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण शिक्षाओं के प्रतीक हैं। वेद, शास्त्र, पुराण, स्मृति, उपनिषद् आदि में जो शिक्षाएँ मनुष्य जाति को दी गई हैं, उन सबका सार इन 24 अक्षरों में मौजूद है। इन्हें अपनाकर मनुष्य प्राणी व्यक्तिगत तथा सामाजिक सुख-शान्ति को पूर्ण रूप से प्राप्त कर सकता है। गायत्री गीता, गंगा और गौ यह भारतीय संस्कृति की चार आधारशिलायें हैं, इन सबमें गायत्री का स्थान सर्व प्रथम है। जिसने गायत्री के छिपे हुए रहस्यों को जान लिया, उसके लिए और कुछ जानना शेष नहीं रहता।
Publication yug nirman yojana press
Publisher Yug Nirman Yojana Vistara Trust
Size normal
TOC नवरात्रि को देवत्व के स्वर्ग से धरती पर उतरने का विशेष पर्व माना जाता है। उस अवसर पर सुसंस्कारी आत्माएँ अपने भीतर समुद्र मंथन जैसी हलचलें उभरती देखते हैं। जो उन्हें सुनियोजित कर सकें वे वैसी ही रत्न राशि उपलब्ध करते हैं जैसी कि पौराणिक काल में उपलब्ध हुई मानी जाती हैं। इन दिनों परिष्कृत अन्तराल में ऐसी उमंगें भी उठती हैं जिनका अनुसरण सम्भव हो सके तो दैवी अनुग्रह पाने का ही नहीं देवोपम बनने का अवसर भी मिलता है यों ईश्वरीय अनुग्रह सत्पात्रों पर सदा ही बरसता है, पर ऐसे कुछ विशेष अवसर मिल सके। इन अवसरों को पावन पर्व कहते हैं। नवरात्रियों का पर्व मुहूर्तों में विशेष स्थान है। उस अवसर पर देव प्रकृति की आत्माएँ किसी अदृश्य प्रेरणा से प्रेरित होकर आत्म कल्याण एवं लोक मंगल क्रिया कलापों में अनायास ही रस लेने लगती हैं।
TOC • गायत्री की गुप्त शक्तियाँ • गायत्री का शाप विमोचन और उत्कीलन का रहस्य



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