Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya, Dr.Pranav Pandya |
Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
BImage |
shrad_set_1.jpg |
Descriptoin |
SET OF 10 BOOKS, |
Dimensions |
179mmX122mmX5mm |
Edition |
2014 |
Language |
Hindi |
PageLength |
104 |
Preface |
घास-पात की तरह मनुष्य भी माता के पेट से जन्म लेता है,पेडू-पौधों की तरह बढ़ता है और पतझड़ के पीले पत्तों की तरहजरा-जीर्ण होकर मौत के मुँह में चला जाता है । देखने में तो मानवी सत्ता का यही आदि-अंत है । प्रत्यक्षवाद की सचाई वहीं तक सीमितहै, जहाँ तक इंद्रियों या उपकरणों से किसी पदार्थ को देखा-नापा जासके । इसलिए पदार्थ विज्ञानी जीवन का प्रारंभ व समाप्ति रासायनिक संयोगों एवं वियोगों के साथ जोड़ते हैं और कहते हैं कि मनुष्य एक चलता-फिरता पेड़-पादप भर है । लोक-परलोक उतना ही है जितना कि काया का अस्तित्व । मरण के साथ ही आत्मा अथवा कायासदा-सर्वदा के लिए समाप्त हो जाती है । बात दार्शनिक प्रतिपादन या वैज्ञानिक विवेचन भर की होती तो उसे भी अन्यान्य उलझनों की तरह पहेली, बुझौवल समझा जासकता था और समय आने पर उसके सुलझने की प्रतीक्षा की जासकती थी । किंतु प्रसंग ऐसा है जिसका मानवी दृष्टिकोण औरसमाज के गठन, विधान और अनुशासन पर सीधा प्रभाव पड़ता है ।यदि जीवन का आदि- अंत-जन्म-मरण तक ही सीमित है, तो फिर इस अवधि में जिस भी प्रकार जितना भी मौज-मजा उड़ाया जा सकता हो, क्यों न उड़ाया जाए ? दुष्कृत्यों के फल से यदि चतुरता पूर्वक बचा जा सकता है, तो पीछे कभी उसका दंड भुगतना पड़ेगा, ऐसा क्यों सोचा जाए ? अनास्था की इस मनोदशा में पुण्य-परमार्थ का, स्नेह-सहयोग का भी कोई आधार नहीं रह जाता । |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
1 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
2 मैं क्या हूँ ?
3 मरणोत्तर जीवन तथ्य सत्य -16
4 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
5 मरने के बाद हमारा क्या होता है
6 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
7 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
8 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
9 पितर हमारे अदृश्य सहायक
10 भव-बन्धनो से मुक्त हों |
TOC |
१ क्या मृत्यु ही जीवन का अंत है ?
२ मरण के उपरांत पुनर्जन्म सुनिश्चित
३ नियंता की कर्मफल व्यवस्था
४ पूर्वजन्म के संचित संस्कार, विलक्षण प्रतिभा के उपहार
५ मरण-सृजन का उल्लास भरा पर्व |
TOC |
1 मरणोत्तर शांति प्रयोग
2 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
3 भव-बन्धनो से मुक्त हों
4 पितर हमारे अदृश्य सहायक
5 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
6 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
7 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
8 मरने के बाद हमारा क्या होता है
9 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
10 मरणोत्तर श्राद्ध कर्म - विधान |