ADHYATM VADI BHAUTIKTA APNAI JAYE
Price: ₹ 30/-



Product Detail

Dimensions 12 cm x 18 cm
Language English
PageLength 160
Preface भारतीय संस्कृति का आधार अध्यात्म है । इसी के कारण हमारा देश समस्त संसार में अति प्राचीन काल से प्रसिद्ध और माननीय रहा और इस विज्ञान प्रधान युग में भी संसार के बहुसंख्यक ज्ञानी व्यक्ति उसकी प्रशंसा करते नहीं थकते । यद्यपि हम अच्छी तरह जानते हैं कि वर्तमान समय में मनुष्य या तो अज्ञानग्रस्त हो जाने से अध्यात्म का अर्थ ही नहीं समझते अथवा पाश्चात्य भौतिकवाद से आकर्षित होकर अध्यात्म को अलाभकर और निकम्मा मान बैठे हैं । पर इस प्रकार के व्यक्तियों की भूल या अवहेलना के कारण अध्यात्म का महत्त्व नहीं घट सकता । मानवजीवन की गाड़ी कभी एक पहिये पर, अर्थात् भौतिकवादी मान्यताओं पर सुचारु रूप से नहीं चल सकती । मनुष्य की अंतरंग का परिमार्जन और विकास बिना आध्यात्मिक प्रगति के नहीं सकता और अध्यात्म से रहित व्यक्ति मानव कहलाने का अधिकारी नहीं बन सकता । इसी विषय-परिस्थिति अर्थात् आध्यात्मिक भावना का अधिकांश में अभाव हो जाने के कारण, इन दिनों संसार की हालत बड़ी संकटपूर्ण हो उठी है । मनुष्यों ने धन को, भौतिक-संपदा को ही सब कुछ मान लिया है और उसे प्राप्त करने के लिए वे भलाई-बुराई, नैतिकता-अनैतिकता, सदाचार-दुराचार की कुछ परवाह नहीं करते । परिणाम यह हुआ है कि मनुष्यों की पारस्परिक सदभावना का निरंतर ह्रास होता जाता है और सर्वत्र एक हीन कोटि को स्वार्थपरता, एक प्रकार का आसुरी संघर्ष उत्पन्न हो गया है । सामान्य व्यक्तियों से लेकर बड़े-बड़े राष्ट्रों में भयंकर आपाधापी चल रही है और कहीं प्रत्यक्ष तथा कहीं अप्रत्यक्ष रूप से वे एक दूसरे का पराभव करने का प्रयत्न कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप निकट भविष्य में एक नाशकारी संसार-संकट उत्पन्न हो जाने की संभावना प्रतिदिन बढ़ती जाती है ।
Publication Yug nirman yojana press
Publisher Yug Nirman Yojana Vistara Trust
Size normal
TOC 1. भौतिकता की बाढ़ मारकर छोड़ेगी 2. क्या यही हमारी राय है ? 3. भौतिकतावादी दृष्टिकोण हमारे लिए नरक-सृजन करेगा 4. भौतिक ही नहीं, आध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक 5. अध्यात्म की उपेक्षा नहीं की जा सकती 6. अध्यात्म की अनंत शक्ति सामर्थ्य 7. अध्यात्म समस्त समस्याओं का एकमात्र हल 8. आध्यात्मिक लाभ ही सर्वोपरि लाभ है 9. अध्यात्म मानवीय प्रगति का आधार 10. अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष 11. हमारा दृष्टिकोण अध्यात्मवादी बने 12. आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल स्वरूप 13. लौकिक सुखों का एकमात्र आधार 14. अध्यात्म ही है सब कुछ 15. आध्यात्मिक जीवन इस तरह जियें 16. लोक का ही नहीं, परलोक का भी ध्यान रहे 17. अध्यात्म और उसकी महान उपलब्धि 18. आध्यात्मिक लक्ष्य और उसकी प्राप्ति 19. आत्म-शोधन अध्यात्म का श्रीगणेश 20. आत्मोत्कर्ष-अध्यात्म की प्रेरणा 21. आध्यात्मिक आदर्श के देवता-भगवान शिव 22. आद्यशक्ति की उपासना से जीवन को सुखी बनाइये 23. अध्यात्मवादी भौतिकता अपनाई जाए 24. आध्यात्मिक साधना का चरम लक्ष्य 25. अध्यात्म लक्ष्य की सर्वांगपूर्णता 26. अपने अतीत को भूलिए नहीं 27. महान अतीत को वापस लाने का पुण्य प्रयत्न



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