Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
Author |
Pt. shriram sharma |
BImage |
shrad_set_1.jpg |
Descriptoin |
SET OF 10 BOOKS, |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |
Language |
Hindi |
PageLength |
120 |
Preface |
यह संसार कर्मफल व्यवस्था के आधार पर चल रहा है-जो जैसा बोता है, वह वैसा काटता है । क्रिया की प्रतिक्रिया होती है । पैंडुलम एक ओर चलता है तो लौटकर उसे फिर वापस अपनी जगह आना पड़ता है । गेंद को जहाँ फेंककर मारा जाए वहाँ से लौटकर उसी स्थान पर आना चाहेगी, जहाँ से फेंकी गई थी । शब्दवेधी बाण की तरह भले-बुरे विचार अंतरिक्ष में चक्कर काटकर उसी मस्तिष्क पर आ विराजते हैं, जहाँ से उन्हें छोड़ा गया है । कर्म के संबंध में भी यही बात है । दूसरों के हित-अहित के लिए जो किया गया है, उसकी प्रतिक्रिया कर्ता के ऊपर तो अनिवार्य रूप से बरसेगी जिसके लिए वह कर्म किया गया था, उसे हानि या लाभ भले ही न हो । गेहूँ से गेहूँ उत्पन्न होता है और गाय अपनी ही आकति-प्रकृति का बच्चा जनती है । कर्म के संबंध में भी यही बात है, वे बंध्य नपुंसक नहीं होते । अपनी प्रतिक्रिया संतति उत्पन्न करते हैं । उनके प्रतिफल निश्चित रूप से उत्पन्न होते हैं । यदि ऐसा न होता तो इस सृष्टि में घोर अंधेर छाया हुआ दीखता, तब कोई कुछ भी कर गुजरता और प्रतिफल की चिंता न करता । |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Size |
normal |
TOC |
1. संसार कर्मफल-व्यवस्था के आधार पर चल रहा है
2. भाग्यवाद की भ्रांत धारणा और प्रारब्ध का यथार्थ
3. स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
4. कुसंस्कार धोएँ, भूल सुधारें
5. प्रायश्चित्त-प्रक्रिया से भागिए मत
6. अभिवर्धन से पूर्व परिशोधन आवश्यक
7. इष्टापूर्ति एवं तीर्थयात्रा
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TOC |
1 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
2 मैं क्या हूँ ?
3 मरणोत्तर जीवन तथ्य सत्य -16
4 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
5 मरने के बाद हमारा क्या होता है
6 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
7 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
8 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
9 पितर हमारे अदृश्य सहायक
10 भव-बन्धनो से मुक्त हों |
TOC |
1 मरणोत्तर शांति प्रयोग
2 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
3 भव-बन्धनो से मुक्त हों
4 पितर हमारे अदृश्य सहायक
5 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
6 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
7 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
8 मरने के बाद हमारा क्या होता है
9 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
10 मरणोत्तर श्राद्ध कर्म - विधान |