Author |
Pt. Shriram sharma acharya |
Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
BImage |
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Descriptoin |
SET OF 10 BOOKS, |
Dimensions |
180mmX121mmX5mm |
Edition |
2014 |
ISBN |
81-89309-15-3 |
Language |
Hindi |
PageLength |
96 |
Preface |
दहयमानस्य प्रेतस्य स्वजनैर्यैजलांजलिः । दीयते प्रीतरूपोsसौ प्रेतो याति यमालयम् । । (गरुड पुराण, प्रेत कल्प २४/१२)
अर्थात दाह किये गये पितरों के स्वजन उसे जो भावनापूर्णजलांजलि देते हैं, उससे उन्हें आत्मिक शांति मिलती और प्रसन्न होकर उच्चस्थ लोकों को गमन करते हैं ।
मरने के बाद क्या होता है ? इस प्रश्न के उत्तर में विभिन्न धर्मो में विभिन्न प्रकार की मान्यताएँ हैं । हिंदू धर्मशास्त्रों में भी कितनेही प्रकार से परलोक की स्थिति और वहाँ आत्माओं के निवास का वर्णन किया है । इन मत भिन्नताओं के कारण सामान्य मनुष्य का चित्त भ्रम में पडता है कि इन परस्पर विरोधी प्रतिपादनो में क्या सत्य है क्या असत्य ?
इतने पर भी एक तथ्य नितांत सत्य है कि मरने के बाद भी जीवात्मा का आस्तित्व समाप्त नहीं हो जाता, वरन् वह किसी न किसी रूप में बना ही रहता है । मरने के बाद पुनर्जन्म के अनेकों प्रमाण इस आधार पर बने रहते हैं कि कितने ही बच्चे अपने पूर्वजन्म के स्थानों, संबंधियों और घटनाक्रमों का ऐसा परिचय देते है, जिन्हें यथार्थता की कसौटी में कसने पर वह विवरण सत्य ही सिद्ध होता है । अपने पूर्व जन्म से बहुत दूर किसी स्थान पर जन्मे बच्चेका पूर्व जन्म के ऐसे विवरण बताने लगना, जो परीक्षा करने परसही निकलें, इस बात का प्रमाण बताता है कि मरने के बाद पुन:जन्म भी होता है । मरण और पुनर्जन्म के बीच के समय में जो समय रहता है, उसमें जीवात्मा क्या करता है ? कहाँ रहता है ? आदि प्रश्नों के संबंध में भी विभिन्न प्रकार के उत्तर हैं, पर उनमें भी एक बात सही प्रतीत होती है कि उस अवधि में उसे अशरीरी किंतु अपना मानवी अस्तित्व बनाये हुए रहना पडता है । जीवन मुक्त आत्माओं की बात दूसरी है । |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
1 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
2 मैं क्या हूँ ?
3 मरणोत्तर जीवन तथ्य सत्य -16
4 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
5 मरने के बाद हमारा क्या होता है
6 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
7 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
8 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
9 पितर हमारे अदृश्य सहायक
10 भव-बन्धनो से मुक्त हों |
TOC |
1 मरणोत्तर शांति प्रयोग
2 मरणोत्तर जीवन और उसकी सच्चाई
3 भव-बन्धनो से मुक्त हों
4 पितर हमारे अदृश्य सहायक
5 स्वर्ग-नरक की स्वसंचालित प्रक्रिया
6 भूत कैसे होते हैं ? क्या करते हैं ?
7 पितरों कों श्रद्धा दें, वे हमें शक्ति देंगे
8 मरने के बाद हमारा क्या होता है
9 तत्व दृष्टि से बन्धन मुक्ति
10 मरणोत्तर श्राद्ध कर्म - विधान |
TOC |
१ उच्च स्वभाव-संस्कार वाली अशरीरी आत्माएँ-पितर
२ पितर-संपर्क से लाभ ही लाभ
३ आत्मीयों को पितरों के अनुग्रह-अनुदान
४ प्रगति मार्ग के पथ-प्रदर्शक-पितर
५ लूट-खसोट, अनीति-अन्याय की अवरोधक पितर-सत्ताएँ
६ पितर -अदृश्य सहायक
७. पितरों को श्रद्धा दें, वे शक्ति देंगे |