Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Dimensions |
182mmX121mmX2mm |
Edition |
2013 |
Language |
Hindi |
Language |
English |
PageLength |
38 |
Preface |
वेद भारतीय संस्कृति का आदि उद्गम है । वेद का पढ़ना-पढ़ाना प्रत्येक भारतीय का परम् कर्तव्य है । मुसलमान, ईसाई, बौद्ध, पारसी अपने-अपने ग्रन्थों को पढ़ते-सुनते रहते हैं पर खेद की बात है कि हिन्दू जनता में वेद की उपेक्षा की जाती है । पुराण आदि सुनने-पढ़ने में जितनी रुचि लोगों को है यदि उतनी वेद के लिए रही होती तो निश्चय ही लोग सत्य सनातन धर्म के तत्व को समझने और तदनुसार भारतीय संस्कृति के अनुकूल जीवन यापन करने में समर्थ रहे होते ।
प्रत्येक वेद मन्द में आध्यात्मिक, आधिदैविक, आधिभौतिक शक्तिविज्ञान, तत्वज्ञान और समाधान भरा हुआ है । वेद भगवान के इस ज्ञान-समुद्र में जो प्रवेश करता है उसे बहुत कुछ मिलता है, सब कुछ मिलताहै । हमारी अभिलाषा है कि भारतीय जनता वेद के रहस्यों को समझे औरउससे समुचित लाभ उठावे । इस दिशा में पहले कदम के रूप में यहएक छोटी सी सूक्तियों का संग्रह प्रकाशित कर रहे हैं । इसमें जीवन निर्माण में पथ प्रदर्शन करने वाले छोटे-छोटे वाक्य है जो बड़े वेद मन्त्रों में से लिए गये हैं । याद करने में सरल और समझने में सुबोध रहें, इसी दृष्टि से सर्वसाधारण के लिए यह संग्रह किया गया है । विभिन्न विषयों पर पृथक-पृथक ऐसी सूक्तियाँ संग्रह करके प्रत्येक पहलू पर वेद भगवान के आदेशों को जान सकना सर्वसाधारण के लिए सुगम हो सके । पीछे बन पड़ा तो एक-एक वेद मन्त्र में छिपे हुए अद्भुत रहस्यों का भी उद्घाटन करें गेजिससे हमारे पूर्वजों के महान ज्ञान-विज्ञान के अनुसन्धान का सर्वसाधारण को पता चल सके । |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Size |
normal |
TOC |
१ वेदों की स्वर्णिम सूक्तिया
२ सत्य और सद्विचार
३ ब्राह्मणत्व
४ सज्जनता और सद्व्यवहार
५ उन्नतिशील जीवन
६ द्वेष नहीं प्रेम करो
७ कर्त्तव्य के पथ पर
८ दुष्वृत्तियों का शासन
९ अर्थव्यवस्था
१० परिवार व्यवस्था
११ शरीर की सुरक्षा
१२ दुष्टता कैसे निपटें ?
१३ यज्ञ महत्व
१४ गायत्री माहात्म्य
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TOC |
1 सफलता के तीन साधन
2 बुद्धि बढ़ाने की वैज्ञानिक विधि
3 बाल नीति शतक
4 वेदों की स्वर्णिम सूक्तियाँ
5 सफलता के सात सुत्र
6 समय का सदुपयोग करें
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