Preface
आध्यात्मिकता व जीवन साधना को आधार बनाते हुए सामाजिक क्रांति मूलतः हमारे मिशन का लक्ष्य है अर्थात् समाज की समस्याओं का समाधान ।। हमारा देश ग्राम प्रधान है और यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी गाँवों में बसती हे ।। आजादी के बाद विकास प्रक्रिया का लाभ लेकर यद्यपि कुछ मुट्ठीभर लोग साधन व सुविधा सम्पन्न अवश्य हुए हैं परन्तु ग्रामीण क्षेत्र का बहुसंख्यक समाज आज भी न केवल अभाव व पीडाग्रस्त हैं बल्कि दयनीय स्थिति में है ।। बेरोजगारी व गरीबी, कृषि एवं पशुपालन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, सूखा व जलसंकट, अनीति व भ्रष्टाचार, विभिन्न प्रकार के व्यसन व प्रदर्शन आदि से सम्बंधित अनेक समस्याओं से लोग पीड़ित है परन्तु इनका समुचित समाधान उन्हें मिल नहीं पा रहा है ।। अत: हमारी गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु अब ग्रामीण क्षेत्र है ।। हमारी आराध्यसत्ता परम पूज्य गुरुदेव की उद्घोषणा भी तो यही है कि भावी दुनिया गाँवों के विकास पर केन्द्रित होगी ।। उपरोक्त को दृष्टिगत रखते हुए मिशन अब ग्राम्य विकास कार्यक्रम को एक अभियान का रुप देना चाहता है ।। आदर्श गाँव बनाने हेतु परिजनों के लक्ष्य भी निर्धारित किए गये हैं ।। परिणामत :अब अनेकों कार्यकर्त्ता ग्राम्य विकास कार्य में जुट रहे होंगे, परन्तु गाँव को आदर्श व स्वावलम्बी बनाने के लिए क्या- क्या कार्यक्रम व गतिविधियाँ चलाई जाएँ कैसे चलाई जाएँ उसकी विधिव्यवस्था क्या हो, गाँव विशेष में किन कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए, ग्राम्य विकास प्रक्रिया में स्थायित्व कैसे लाया जाए, एक ग्राम सु धारक के रूप में उन्हें किन दायित्वों का निर्वहन करना है आदि से सम्बन्धित अनेक बिन्दुओं पर उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है ।। इसे दृष्टिगत रखते हुए ही यह पुस्तिका तैयार की गई है ।।
Table of content
विवरणिका
1. प्रस्तावना
2. "आदर्श गाँव योजना " के अन्तर्गत कार्य की दृष्टि से गाँव की अवधारणा
3. ग्राम विकास योजना बनाने हेतु क्रमबद्ध चरण
4. शांतिकुंज केन्द्र में शिक्षण व्यवस्था
5. ग्राम विकास में भूमिका
(अ) ग्राम सुधार में लगे परिजनों के दायित्व
(ब) ग्राम सेवा समिति/ग्राम विकास मंडल के दायित्व
6. सर्वेक्षण कार्य
* गाँव की सामान्य जानकारी हेतु वर्तमान स्थिति का सर्वेक्षण (गाँव की सामान्य समस्याओं संसाधनों संभावनाओं व इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी हेतु)
* परिवारवार समस्याओं व संसाधनों की सवेक्षण
7. आदर्श ग्राम योजना हेतु कार्यक्रम
1. वैयक्तिक विकास (सेवाभावी प्रतिबद्ध व्यक्ति तैयार करना)
2. बेरोजगारी व गरीबी निवारण के लिए आर्थिक विकास
3. महिलाओं के लिए कार्यक्रम
4. अशिक्षितों/अल्प शिक्षितों एवं बच्चों हेतु- शिक्षा कार्यक्रम
5. स्वास्थ्य कार्यक्रम
6. गंदगी का निवारण
7. हरीतिमा संवर्धन
8 प्रदूषण रहित वैकल्पिक ऊर्जा का उपयोग
9. वर्षा जल संरक्षण कार्यक्रम
10. सामाजिक सुधार एवं विकास के कार्य
11. देवालयों (शक्तिपीठ/मंदिर/मस्जिद/गुरुद्वारा/चर्च आदि) को जन-जागृति, सामाजिक एवं ग्राम विकास के केन्द्र के रुप मे विकसित किया जाए
12. सुरक्षा एवं न्याय व्यवस्था-
13. ग्राम सेवा समिति
Author |
Gram Prabhandhan Vibhag / Rachanatmak Prakosth |
Publication |
Shree Vedmata Gayatri Trust (TMD) |
Page Length |
36 |
Dimensions |
23 X 18 cm |