Preface
महिला जागरण- उद्देश्य एवं कार्यक्रम शीर्षक से प्रकाशित पूर्व पुस्तक को आवश्यक संशोधनों एवं परिवर्तनों निम्नलिखित दो शीर्षकों से दो पुस्तकों में विभाजित प्रकाशित करने में हमें अत्यंत हर्ष हो रहा है
१. महिला जागरण का उद्देश्य
२. महिला जागरण की दिशाधारा
वंदनीया माता जी द्वारा लिखित उनकी उपर्युक्त पुस्तक अपना विशिष्ट महत्त्व है ।।
लेखकीय वक्तव्य
आज की स्थिति में नारी की सहज भूमिका अनिवार्य रूप से, हर दृष्टि से आवश्यक हो गई है ।। उसका समग्र जीवन स्नेह, दुलार,वात्सल्य, सेवा, करुणा जैसे दिव्य तत्त्वों का मूर्तिमान समन्वय है ।। यदि उसे इस दैवी संपदा को प्रभावी बना सकने का अवसर दिया जाए तो निश्चित रूप से अपने साथ संबद्ध लोगों को उस अमृत तत्त्व से सुसिंचित कर सकती है ।। वह अपने अभिभावकों को, संतान को, साथी- सहचर को, परिवार को, संपर्क एवं परिचय क्षेत्र को ऐसी सुकोमल संवेदनाएँ दे सकती है, जिनके सहारे वे पशुता से ऊँचे उठ सकें, मनुष्य स्तर पर दृढ़ रह सकें और देवत्व की ओर अनवरत गति से अग्रसर होते रह सकें ।।
Table of content
1.नारी जागरण का महत्त्व समझा जाए
2.पुराने अनुभवों से सीख लें
3.स्थिति का सही मूल्यांकन करें
4.कार्य के अनुरूप प्रयास भी हो
5.अपना कर्त्तव्य पुरुष भी निभाएँ
6.अपनों के लिए ममत्व जागे
7.युग की पुकार सुनें - आगे बड़े
Author |
Mata Bhagwati Devi Sharma |
Publication |
Yug Nirman Yojna Trust, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yojna Trust |
Page Length |
80 |
Dimensions |
12 X 18 cm |