Preface
दि अंडर-स्टैंडिंग ऑफ ड्रीम्स एंड देयर एन्फ्लूएन्सेस ऑनदि हिस्ट्री ऑफ मैन हाथर्न बुक्स न्यूयार्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक में एडॉल्फ हिटलर के एक स्वप्न का जिक्र है, जो उसने फ्रांसीसी मोर्चे के समय सन् १९१७ में देखा था । उसने देखा कि उसके आसपास की मिट्टी भरभराकर बैठ गई है, वह तथा उसके साथी पिघले हुए लोहे में दब गये हैं । हिटलर बचकर भाग निकले, किंतु तभी बम विस्फोट होता है-उसी के साथ हिटलर की नींद टूटगयी । हिटलर अभी उठकर खड़े ही हुए थे कि सचमुच एक तेज धमाका हुआ, जिससे आस-पास की मिट्टी भरभरा कर ढह पड़ी और खंदकों में छिपे उसके तमाम सैनिक बंदूकों सहित दबकर मर गये । स्वप्न और दृश्य का यह सादृश्य हिटलर आजीवन नहीं भूले । स्वप्नों में भविष्य के इस प्रकार के दर्शन की समीक्षा करने बैठते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि चेतना मनुष्य शरीर में रहतीहै, वह विश्व ब्रह्मांड के विस्तार जितनी असीम है और उसके द्वाराहम बीज रूप से विद्यमान अदृश्य के वास्तविक दृश्य चलचित्र की भाँति देख और समझ सकते है । यह बात चेतना के स्तर पर आधारित है । इसीलिए भारतीय मनीषी भौतिक जगत् के विकास की अपेक्षा अतींद्रिय चेतना के विकास पर अधिक बल देते है । हिंदू धर्म और दर्शन का समस्त कलेवर इसी तथ्य पर आधारित रहा है और उसका सदियों से लाभ लिया जाता रहा है ।
Table of content
१. सपनों में सन्निहित जीवन-सत्य
२. तरह तरह के सपने
३. स्वप्नों द्वारा शरीर-मन के रोगों-विकारों का निदान
४. चेतना की दूर-संचार व्यवस्था और स्वप्न
५. स्वप्नों में अभिव्यक्त सघन आत्मीयता
६. स्वप्नों से प्राप्त दिव्य प्रकाश एवं प्रेरणाएँ
७. स्वप्न-अवचेतन का यथार्थ
Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Edition |
2013 |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Page Length |
116 |
Dimensions |
181mmX121mmX6mm |