Preface
नेत्र हीन समाज सेवी एवं कुशल अध्यापक अल्पाई वाला
कुछ व्यक्तियों पर इतनी अधिक विपत्तियाँ और कष्ट- कठिनाइयों आती हैं कि लगता है जैसे नियन्ता उनके साथ क्रूर मजाक कर रहा है ।। ऐसा ही रुस्तम जी मेहरवानजी अलपाई वाला को लग रहा था ।। जब वे १९१३ में बैरिस्टर बनकर भारत लौटे और बम्बई में अपनी प्रैक्टिस करने लगे ।। प्रैक्टिस करते- करते उन्हें तीन- चार वर्ष ही हुए थे- प्रैक्टिस अच्छी चलने लगी थी ।। कानून की सूक्ष्म पकड़ तथा गहन सूझ- बूझ को देखते हुए लोग उनके पास ही खिंचे चले आते, यह जानते हुए भी कि वे इस क्षेत्र के नये खिलाड़ी हैं ।। उस समय वे अपनी वय के तीस वर्ष भी पूरे नहीं कर पाये थे, जीवन की कई आकांक्षाऐं तथा लालसाऐं अभी अधूरी ही थीं कि उन्हें वकालत से अवकाश लेना पड़ा ।।
कारण था- आँखों की निरन्तर मन्द पड़ती गयी ज्योति ।। जब प्रगति के सभी अवसर सामने हों, उन अवसरों का सफलतापूर्वक उपयोग भी किया जा रहा हो और लक्ष्मी तथा सरस्वती से कृपा दृष्टि एक साथ बरस रही हो तब इस प्रकार का शारीरिक व्यवधान उपस्थित हो जाय तो व्यक्ति के मन पर क्या गुजरती होगी- इसकी कल्पना करना भी कठिन है ।। इसीलिए अलपाई वाला को लग रहा था कि नियति उनके साथ क्रूर उपहास कर रही है ।।
Table of content
1. नेत्र हीन समाज रएवक एवं कुशल शिल्पी अध्यापक- अलपाई वाला
2. नेत्रहीनों के प्रकाशदीप- डा. सुबोध राय
3. स्वावलम्बी अपंग बन्धु- जगदीशचन्द एवं देशराज
4. संषर्षों से जूझने वाला हस्तहीन बालक- नन्दकिशोर
5. अपंगता को चुनौती देने वाले- डा. जानसन, पद्यनाथन अरोरा एवं रजेन्सी
6. अपंग का सहारा अंधा
7. प्रगति पथ के हर पथिक के लिए एक चुनौती
8. अपने में मिस कार्लविन सी करुणा जागृत करें
9. उनका अंध निकेतन और मेरी स्काट
10. नेत्रहीनों का आशाकेन्द्र- ब्राजीलियन फाउन्डेशन
11. फार दी ब्लाइण्ड्स
12. जिनके लिए कुष्ठ वरदान बनकर आया-मेरी रीड
13. जिन्हें पाकर कुष्ठ रोगी धन्य हो गये- फादर दामियेन
14. कुष्ठ रोगियों के प्राण-मनोहरजी दीवान
15. अनुकरणीय अहिंसा व्रतधारी- परबुरे शास्त्री
16. डा. पटवर्धन और उनका कुष्ठ सेवाश्रम
17. स्वधर्म पालन में रत- बाबा साहब आमटे
18. सैकड़ों रोगियों की सेवा करने वाली विकलांग- डा. वर्गीस
Author |
Pt. Shriram Sharma Aacharya |
Edition |
2010 |
Publication |
Yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
80 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |