Preface
बच्चों के चहुँमुखी विकास के लिए कहानियों की उपयोगिता सदा से रही है ।। छोटी -छोटी कहानियाँ, बच्चों में ज्ञान और नीतियों के बीज बोती हैं तथा बालकों को अच्छे- बुरे, अपने -पराए का बोध कहानियों के माध्यम से हो जाता है ।। बच्चों के व्यक्तित्व विकास एवं संस्कारों के बीजारोपण का सबसे सशक्त माध्यम कहानियों को माना जाता है ।। पहले ये कार्य दादी- नानी के द्वारा सहज होता रहता था, परंतु पाश्चात्य प्रभाव और समयाभाव के कारण इस विधा की ओर लोगों ने ध्यान देना बंद कर दिया है ।। युग निर्माण योजना ने सचित्र बाल- कहानियाँ प्रकाशित कर बच्चों को भरपूर मनोरंजन, मार्गदर्शन एवं प्रेरणा देने का कार्य अपने हाथ में लिया है ।।
Table of content
1. पेड का दर्द
2. अर्जुन – बाँसुरी सँवाद
3. चनो की लोभिन को पुत्र कैसे मिले ??
4. कृष्ण के वरण की छूट
5. सफाई का महत्त्व
6. द्रौपदी की लाज बची
7. खलीफा उमर की संवेदना
8. कठिनाई मे रहने का फल
9. प्रतिभा का निखार सँयुक्त रहने मे
10. दीपक और सूरज
11. बापा जलाराम
12. विद्यासागर की माँ
13. धैर्य और स्थिरता
14. पराक्रमी चाणक्य
15. सद्भावो के संस्कार
16. मूलधन की वृद्धि
17. सतत स्वाध्यायशील -राल्ड शुज
Author |
Pt shriram sharma acharya |
Edition |
2013 |
Publication |
yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
32 |
Dimensions |
18.5 cm x 24.5 |