Preface
भौतिक विज्ञान की भांति ही अध्यात्म विज्ञान है । भौतिक विज्ञानियों ने अपने आविष्कारों से मनुष्य की सुविधाएँ बढ़ानेका प्रयत्न किया है । प्राचीनकाल में सूक्ष्म दैवी शक्तियों का अन्वेषण करके उनके उपयोग की पद्धति का आविष्कार किया था । इसी का दूसरा नाम योग साधना है । योग साधनासे गृही, विरक्त, बाल, वृद्ध, स्त्री, पुरुष सभी आनंदमय जीवन का लाभ उठा सकते हैं । योग की अनेक साधनाओं में से गायत्री साधना ऐसीहै जो सर्व साधारण के लिए अतीव उपयोगी, हानि रहित,सुलभ, सुख-साध्य और शीघ्र फल देने वाली है । इसकी तुलना में और कोई साधना योग शास्त्रों के अंतर्गत दृष्टिगोचर नहीं होती ।
गायत्री से जो लाभ होते हैं उनका कारण, हेतु, आधार क्या है? यह जानने की इच्छा होना इस बुद्धिवादी युग में स्वाभाविक है । इस पुस्तक में उन्हीं रहस्यों पर प्रकाश डाला गया है जिनसे पाठकों की गायत्री के मूल आधार संबंधी शंकाओं और जिज्ञासाओं का समाधान हो सके । आशा है कि आध्यात्म मार्ग के पथिकों को इस पुस्तक से कुछ नई जानकारी मिलेगी ।
Table of content
1.गायत्री का वैज्ञानिक आधार
2. गायत्री की दिव्य शक्तियाँ
3.साधना और कामना की विवेचना
4. गायत्री साधना का अधिकार
5. गोपनीय गायत्री तंत्र
6. विश्वनारी की पवित्र आराधना
Author |
Pandit Shriram Sharma Aacharya |
Edition |
2014 |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Page Length |
40 |
Dimensions |
182mmX121mmX2mm |