Preface
लेखनी के शिल्पी लेखक एवं लिखिकाओं के जीवन को परम पूज्य गुरुदेव के वाङ्गमय में से चुन चुन कर निकला गया है जो आपके समक्ष प्रस्तुत है। किन परिस्थितयों में वे रहे, जिए एवं भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन छोड़ गए, यह आज के विद्यार्थियों, पाठकों को जानना जरूरी है। ऐसे लेखकों में माखनलाल चतुर्वेदी जी, महादेवी वर्मा, निराला, गोर्की, कामिल बुल्के (रामायण) कालिदास एवं शेक्सपीयर आदि उल्लेखनीय हैं। यह पुस्तक कम्पटीशन में बैठने वालों, निबंध, बाद-विवाद में भाग लेने वालों के लिए भी उपयोगी रहेगी। आप सभी के सकारात्मक स्वाध्याय हेतु प्रस्तुत।
Table of content
1. प्राणवान कवि - महाप्राण निराला
2. कलम और तलवार के धनी -कवि चन्दर वरदायी
3. भावनाओं का सौंदर्य- महादेवी वर्मा
4. युग के अमर कवि - पं० माखन लाल चतुर्वेदी
5. कर्मयोगी इतिहासकार - गौरीशंकर ओझा
6. संस्कृति व साहित्य के प्रभापुंज - आचार्य हेमचन्द्र
7. युग चारण - अलेक्सेंडर पुश्किन
8. हिंदी साहित्य में मील के पत्थर - चंद्रधर शर्मा गुलेरी
9. संस्कृति व् साहित्य के ज्योतिदीप - जयशंकर प्रसाद
10. सफल सौद्देश्य पत्रकार - अम्बिका प्रसाद वाजपेई
11. अमरीकन पत्रिकारिता के जनक -बेंजामिन हैरिस
12. ज्ञानक्रांति के अग्रदूत गीता धर्म के प्रणेता - बाल गंगाधर तिलक
13. मानव प्रगति के सन्देशवाहक - चार्ल्स डर्बिन
14. वसुधैव कुटुम्बकम के प्रतीक -डॉ कामिल बुल्के
15. महान साहित्यकार मैक्सिम गोर्की
16. कविता कानन के पारिजात पुष्प - मनहाकवि कालिदास
17. कला को जीवंत एवं व्यापक रूप देने वाले - विलियम शेक्सपियर
Author |
Pt. Shriram Sharma Acharya |
Edition |
2017 |
Publication |
Yug Nirman Yojana Press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistar Trust |
Page Length |
96 |
Dimensions |
14 cm x 14 cm |