Preface
संसार की सारी सफलताओं का मूलमंत्र है-प्रबल इच्छा शक्ति, इसी के बल पर विद्या, संपत्ति और साधनों का उपार्जन होता है, यही वह आधार है जिस पारा आध्यत्मिक तपस्याएं और साधनाएं निर्भर रहती हैं, यही वह दिव्या सम्बल है जिसे पाकर संसार में खाली हाथ आया मनुष्य वैभव संपन्न ऐश्वर्यवान बन कर संसार को चकित कर देता है, जीवन में उन्नति और सफलता की आकांक्षा करने से पहले अपनी इच्छाशक्ति को प्रबल तथा प्रखर बना लेने वालों को न कभी असफल होना पड़ता है और न निराश
Table of content
1. उन्नति की आकांक्षा मात्र नहीं, संकल्प जरूरी
2. जिल्दास से महान वैज्ञानिक
3. गुप्त मन की विराट शक्ति
4. संकल्प ने परिस्थितियों को परास्त किया
5. नाविक लड़के का उत्साह
6. कैसा बीज कैसे फल
7. संकल्प शक्ति की प्रचण्ड प्रतिक्रियायें
8. निर्बल इच्छा शक्ति की हानियाँ
9. शारीरिक शक्ति से कई गुनी अधिक इच्छाशक्ति
10. अन्यायी की इच्छा अहंकार मात्र
11. संकल्प प्रवाहों की दिशा और गति
12. संकल्प शक्ति का आकर्षक
13. मनुष्य की असीम सम्भावनायें
14. संकल्प की दृढ़ता-विचारों की गहराई से
15. मन को रोके नहीं संकल्पवान बनायें
Author |
Pt shriram sharma acharya |
Edition |
2015 |
Publication |
yug nirman yojana press |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Vistara Trust |
Page Length |
64 |
Dimensions |
12 cm x 18 cm |