Preface
युग निर्माण योजना (मिशन) की पहुँच प्रबुद्ध वर्ग से लेकर सुदूर ग्रामाञ्चल के जन-सामान्य तक है, सामान्य लोगों को यज्ञीय मन्त्रों का भावार्थ समझने में असुविधा होने से परिजनों की ओर से बार-बार भावार्थ सहित पुस्तक प्रकाशित करने की माँग आ रही थी । अत अपने आत्मीय परिजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ, युगद्रष्टा पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं परम वन्दनीया स्रेहसलिला माता भगवती देवी शर्मा जी के सूक्ष्म संरक्षण में उन्हीं की प्रेरणा से कर्मकाण्ड प्रदीप भावार्थ सहित प्रकाशित की जा रही है । प्रस्तुत संस्करण में उन सभी कर्मकाण्डों को शामिल किया गया है, जिनकी परिजनों को प्राय: जरूरत पड़ती है । जैसे-गृह प्रवेश, विवाह से पूर्व तिलक, वरीक्षा, हरिद्रा-लेपन, द्वार पूजा, विश्वकर्मा पूजा, मूलशान्ति, एकादशी उद्यापन, वाहन पूजन, गोदान, रस्म पगड़ी, आशौच विचार (सूतक आशौच की अवधि कितनी हो इस सम्बन्ध में बहुत से मत-मतान्तर मान्यताएँ हैं ।
आशा है, यह संस्करण सभी सुधीजनों, खासकर अपने परिजनों के लिए अत्यन्त उपयोगी होगा । कर्मकाण्डों का विस्तृत स्वरूप समझने के लिए शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार द्वारा प्रकाशित कर्मकाण्ड भास्कर का सहारा भी लिया जा सकता है । कर्मकाण्ड कैसे प्रभावशाली बनायें, किन-किन तथ्यों का ध्यान रखें, आदि । महत्त्वपूर्ण सूत्र सं क्षेप में स्पष्ट रूप से प्रत्येक कर्मकाण्ड के शुरू में ही दिए गए हैं । इन्हें मात्र पढ़ना ही पर्याप्त नहीं; वरन् जितना हृदयंगम किया जा सके, अनुभूतिगम्य बनाया जा सके, उतना ही प्रभावशाली एवं सजीव वातावरण उपस्थित किया जा सकेगा ।
Table of content
1. प्रारम्भिक यज्ञ कर्म
2. शक्तिपीठ दैनिक पूजा
3. विशेष कलश पूजन
4. सर्वतो भद्र पूजन
5. पुरुष सूक्त
6. पञ्चामृतकरण
7. दसविध स्नान
8. स्कुट प्रकरण
9. भूमि पूजन विधान
10. गृह प्रवेश
11. प्राण प्रतिष्ठा प्रकरण
12. विश्वकर्मा पूजन
13. एकादशीउद्यापन
14. वाहन पूजन
15. गोदान संकल्प
16. रस्म पगड़ी
17. मूल शान्ति विधि
18. पुंसवन संस्कार
19. नामकरण संस्कार
20. अन्नप्राशन संस्कार
21. मुण्डन संस्कार
22. विद्यारम्भ संस्कार
23. यज्ञोपवीत संस्कार
24. विवाह संस्कार
25. वानप्रस्थ संस्कार
26. जन्मदिवस
27. विवाहदिवस
28. आशौच सूतक
29. जीवित् श्राद्ध
30. मातृषोडशी
31. दीपयज्ञ विधान
32. नवग्रह स्तोत्र
33. चौबीस गायत्री
34. वेद व देव स्थापना
35. लोकप्रिय मन्त्र
36. शिवाभिषेक
Author |
Brahmavarchasva |
Page Length |
270 |
Dimensions |
15 X 23 cm |