Preface
अध्यात्म साधना का परम लक्ष्य अपने दृष्टिकोण को खंड-खंडता, विभिन्नता, संकीर्णता से हटाकर सर्वत्र विश्वात्मा, परमात्मा की विराट सत्ता का दर्शन और उसकी अनुभूति प्राप्त करना है । जिस क्षण उस विश्वात्मा की अनुभूति प्राप्त होगी, उसी क्षण समस्त पाप, ताप, अभ्यासजनित संस्कार आचरण का अंत हो जाएगा । अनंत आत्मबल विकसित होगा और सर्वत्र आनंदरूपी अमृत के ही दर्शन होंगे । इस अनंत आत्मबल और अनंत आनंद की उपलब्धि ही अध्यात्म दृष्टिकोण का सर्वोत्तम सत्परिणाम है ।
Table of content
1. अध्यात्म की मूल प्रेरणा एवं चरम लक्ष्य
2. अनंत शक्ति का स्रोत-अध्यात्म उसकी प्रक्रिया एवं स्वरुप
3. अध्यात्म ही सभी समस्याओं के समाधान में सक्षम
4. आर्ष अध्यात्म का उज्ज्वल भविष्य
Author |
Pt. Shriram Sharma Aacharya |
Publication |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yogana, Mathura |
Page Length |
48 |
Dimensions |
12X18 cm |