Preface
गायत्री के विषय में हमारे प्राचीन ग्रन्थों में सुविस्तृत वर्णन है ।। अनेक ग्रन्थों में गायत्री के विवेचन, इतिहास, विवरण, साधन एवं माहात्म्य के सम्बन्ध में बहुत कुछ लिखा हुआ है ।। विगत बीस वर्षों में गायत्री सम्बन्धी शोध के लिए हमने प्राय: दो हजार आर्ष ग्रन्थ पड़े हैं ।। उनमें कितने हो प्रकरण तो ऐसे गूढ़ हैं जिसका समझना केवल इस मार्ग के विशेषज्ञों के लिए ही सम्भव है परन्तु सर्वसाधारण के लिए उपयोगी साहित्य भी इतना अधिक है कि उसे पढ़ने और समझने की उपयोगिता भी कम नहीं है ।।
गायत्री विद्या का सर्वसुलभ प्राचीन साहित्य इस पुस्तक में संकलित किया गया है ।। यद्यपि हमारे तत्त्व सम्बन्धी संकलित साहित्य का यह एक अंश मात्र ही है फिर भी इससे यह तो जाना जा सकता है कि गायत्री विद्या का कितना अधिक महत्त्व है ।। यदि सुयोग हुआ तो अन्य साहित्य भी प्रकाशित करेंगे ।। गायत्री मंत्र अकेला ही इतना सारगर्भित है कि उसे समझने में कई जन्म लग सकते हैं ।।
Table of content
1. गायत्री माहात्म्य
2. गायत्री गीता
3. गायत्री स्मृती
4. गायत्रीच उपनिषद्
5. गायत्री रामायण
6. गायत्री हृदयम्
7. गायत्री पञ्जरम्
8. गायत्री संहिता
9. गायत्री तंत्र
10. गायत्री अभिचार
11. मारण प्रयोग
12. चोबीस गायत्री
13. गायत्री पुरश्चरण
14. नित्यकर्म
15. संध्या
16. गायत्रीपूजन
17. गायत्री ध्यान
18. गायत्री कवच
19. न्यास
20. गायत्री स्तोत्र
21. गायत्री शापमोचन
22. हवन
23. तर्पण
24. मार्जन
25. गायत्रीच्या २४ मुद्रा
26. विसर्जन
27. अर्घ्यदान
28. क्षमाप्रार्थना
29. ब्राह्मण भोजन
30. गायत्री लहरी
31. गायत्री लहरी
32. श्री गायत्री चालिसा
33. आरती गायत्री मातेची
34. गायत्री सहस्रनामाचे विज्ञान
35. अथ गायत्री सहस्रनाम
36. गायत्रीचे ऋषी, छंद व देवता
37. गायत्री अभियानाची साधना
38. गायत्री- वन्दना
Author |
Pt. Shriram Sharma Aacharya |
Publication |
Yug Nirman Yojana Vistar trust, Mathura |
Publisher |
Yug Nirman Yojana Press, Mathura |
Page Length |
254 |
Dimensions |
12 X 18 |